Monday, 1 October 2007

उम्र के खेल

अर्जेंटीना में फ़्रांसिस फ़ोर्ड कोपोला का कम्प्यूटर चोरी हो गया। कोपोला पिछले कुछ महीनों से ब्यूनस आर्यस में रह रहे थे और कम्प्यूटर में उनकी अगली फ़िल्म टेट्रो की स्क्रिप्ट भी थी जिसके अब खो जाने से वे काफ़ी दुखी हैं। ख़ैर, बीबीसी पर प्रकाशित इस ख़बर में एक बात जो मुझे खासी दिलचस्प लगी वो थी कि कोपोला स्पैनिश भाषा सीख रहे हैं। तकरीबन 68 साल की उम्र में भी इस शख़्स की धुन से हैरान हूँ, बहुत प्रभावित हूँ। अधिक हैरानी इस बात की है एक फ़िल्म निर्देशक के तौर पर एक उंचा मुक़ाम हासिल कर लेने के बाद भी वे कुछ नया सीख रहे हैं। वे कोई रिटार्यड कामगार नहीं हैं जिसे समय बिताने के लिए किसी शौक की दरकार है। कोपोला तुम्हारी फ़िल्मों और शोहरत के अलावा तुम्हारी इस धुन को सलाम। मेरे उर्दू सीखने की इच्छा को एक नया बल मिला है। एक दिन मैं भी उर्दू पढ़ना लिखना सीखूंगा। शायद बांग्ला भी ... शायद स्पैनिश भी।

बीबीसी पर उम्र के लिहाज़ से अर्जेंटीनी से संबंधित सीधी कहानी हालांकि कोई और ही थी। सांता फ़े में एक 24 वर्षीय युवक ने एक 82 वर्ष की वृद्धा से शादी की। इस वक़्त मैं मिलान कुन्देरा के उपन्यास आइडेंटिटी के उस हिस्से में पहुंच गया हूँ जहां शौहर और बीवी में तनाव गहरा गया है। बीवी शौहर से उम्र में बड़ी है जो उसकी असुरक्षा का कारण है। शौहर बीवी से कम कमाता है जो उसकी हीनभावना की वजह है। ये दोनों बातें हालांकि नॉवेल के शुरू में ज़ाहिर नहीं की गई थीं। अब जबकि किसी तीसरे ही मुद्दे पर उनमें तकरार है (यह तीसरा मुद्दा दरअसल पहला मुद्दा है। इसी में वृत्तांत का मूल है) तो ये दो बातें हर नाराज़गी का बुनियादी वजह बन कर उनके सामने आ खड़ी हुई हैं। नॉवेल अभी पूरा नहीं पड़ा। देखते हैं अंत क्या होता है।

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